फिर वही मोड़ हैं
फिर वही दौर भी
फिर वही बेताबी
फिर वही ठहराव भी ||
फिर वही खामोशी
फिर वही शोर हैं
फिर वही जुस्तजू
फिर नयी खोज हैं ||
फिर से मैं लापरवाह
फिर हुई बेपरवाह
फिर वही मैं भी हूँ
फिर वही तुम भी हो ||
फिर उसी चुप्पी मे
बेपनाह बातें भी
फिर वही डर भी हैं
फिर वही जोश भी ||
फिर वही रात हैं
फिर वही सन्नाटा
फिर वही ख्वाहिशें
फिर से फ़ज़्ले रब भी हैं
बेपन्हा ख़्वाबों में
बेपन्हा मुराद भी ||
फिर वही खुशबू हैं
फिर वही रंग भी
फिर से देखो छाँव हैं
और फिर वही बेरंगी भी ||
और फिर वही बेरंगी भी ||
फिर वही गीत हैं
फिर वही शायरी
फिर वही उम्मीद हैं
फिर वही निराशा
फिर वही उम्मीद हैं
फिर वही निराशा
फिर उसी तख्त में
फिर वही तमाशा ||
फिर वही मैं भी हूँ
फिर वही तुम भी हो
फिर वही साथ हैं
फिर वही दूरी भी ||
फिर से शम्मा तेज़ हैं
फिर से खूब नूर भी
फिर वही दर्द हैं
फिर वही बाल्म भी
फिर वही हम हैं हम
फिर भी हम हम नहीं ||
चलो एक बार फिर
राह यह चुनन भी ले
चलो एक बार फिर
तकदीर की सुन्न भी ले ||
तनहा एक मोड़ पे
तनहा ही हम फिर चलें
तन्हाईयों में फिर
मौज को हम ढूंढ ले ||
फिर इसी मौज में
हम और तुम डूब ले
फिर उसी शाम में
सूफियों सा झूम ले ||
Har ek shabd tumhare dil se nikla hai..panno pe tumhara aks jhalagta hai....
ReplyDeleteLove u
Beautiful ♥️